शून्य

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क्या हूँ मैं, कौन हूँ
क्षीरसागर के कोलाहल में
गूँजता मैं मौन हूँ

बाण हूँ, किरपाण हूँ,
मारुति जो जप रहा राम
केसरी वो पाषाण हूँ

वाद हूँ, अपवाद हूँ,
कुरुक्षेत्र में गूँज रहा,
प्रचण्ड शंखनाद हूँ

राग हूँ, बैराग हूँ
शिव के डमरू में बज रहा
अनहद वो नाद हूँ

भूत हूँ, वशीभूत हूँ
महादेव के बीज से
जन्मा महाभूत हूँ

अन्त हूँ, अनन्त हूँ,
जीव जो देह त्याग चुका
आख़िरी वो प्राण हूँ

मैं शून्य का प्रमाण हूँ
मैं शून्य का प्रमाण हूँ

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